शराब की हर बोतल पर सरकार की नजर: मध्य प्रदेश में शुरू होगा POS सिस्टम से बिक्री का नया दौर MP Liquor Sale New System

MP Liquor Sale New System: मध्य प्रदेश सरकार ने शराब बिक्री में पारदर्शिता लाने और अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य की हर शराब दुकान पर POS (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन अनिवार्य कर दी गई है। इस नई व्यवस्था से हर बोतल की जानकारी सीधे आबकारी विभाग के सर्वर से जुड़ जाएगी।

कैबिनेट में मिली मंजूरी, नई नीति का उद्देश्य

24 जनवरी 2025 को कैबिनेट बैठक में इस नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। इसका मुख्य उद्देश्य:

  • शराब बिक्री में पारदर्शिता लाना,
  • राजस्व में निरंतरता बनाए रखना,
  • और अवैध व अधिक मूल्य पर बिक्री पर कड़ा नियंत्रण लागू करना है।

ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम से होगी हर बोतल की निगरानी

राज्य सरकार ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली लागू करने जा रही है, जिससे यह पता चल सकेगा कि:

  • किस दुकान से कौन सी बोतल बिकी?
  • किस ब्रांड और किस बैच की थी?
  • कितने रुपये में बेची गई?

यह सिस्टम प्रदेश की 3553 शराब दुकानों पर लागू किया जाएगा। इससे नकली शराब, ओवरप्राइसिंग और ब्लैक मार्केटिंग जैसी समस्याओं पर लगाम लगने की उम्मीद है।

शराब ठेके के लिए अब FD नहीं, ई-बैंक गारंटी जरूरी

अब शराब ठेके के लिए आवेदन करने वाले ठेकेदारों को ई-बैंक गारंटी देना अनिवार्य होगा:

  • कोई भी पुरानी FD अब मान्य नहीं होगी और न ही उसका नवीनीकरण किया जाएगा।
  • ई-बैंक गारंटी 30 अप्रैल 2026 तक वैध होनी चाहिए।
  • गारंटी को राज्य की साइबर ट्रेजरी या अनुमोदित पोर्टल के माध्यम से जमा करना होगा।

इस बदलाव का मकसद वित्तीय प्रक्रिया को डिजिटली ट्रैक करना और पारदर्शिता बढ़ाना है।

POS मशीन से ही होगी शराब की बिक्री, नियम तोड़ने पर ₹25,000 जुर्माना

राज्य सरकार ने शराब दुकानों के लिए POS मशीन से बिक्री अनिवार्य कर दी है:

  • हर बोतल पर लगे एक्साइज एडहेसिव लेबल को स्कैन कर बिलिंग की जाएगी।
  • नियम तोड़ने पर पहली बार ₹25,000 जुर्माना लगेगा।
  • इसके बाद हर बार ₹5,000 की बढ़ोत्तरी के साथ जुर्माना बढ़ता जाएगा।
  • इससे हर बिक्री की जानकारी सीधे आबकारी विभाग के सर्वर पर पहुंचेगी।

बार अब छत और अतिरिक्त फ्लोर पर भी कर सकेंगे शराब सर्व

नई नीति के तहत, होटल-रेस्टोरेंट्स में स्थित बार:

  • अब खुली छत, अतिरिक्त मंजिल या 500 वर्गफुट से अधिक अतिरिक्त जगह पर भी शराब सर्व कर सकेंगे।
  • इसके लिए उन्हें 10% अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क देना होगा।
  • यह सुविधा कम अल्कोहल पेय पर लागू बार के लिए भी उपलब्ध होगी।

इवेंट में शराब सर्व करने के लिए स्पेशल लाइसेंस जरूरी

अब किसी भी कॉमर्शियल इवेंट में शराब सर्व करने के लिए एक विशेष लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसका शुल्क मेहमानों की संख्या के अनुसार तय किया गया है:

  • 500 लोगों तक: ₹25,000
  • 1,000 लोगों तक: ₹50,000
  • 2,000 लोगों तक: ₹75,000
  • 5,000 लोगों तक: ₹1 लाख
  • 5,000 से अधिक: ₹2 लाख

इससे आयोजनों में भी शराब वितरण को नियंत्रण में रखा जा सकेगा।

हर दिन का मिलेगा बिक्री डेटा, बढ़ेगी पारदर्शिता

नई प्रणाली लागू होते ही:

  • हर दिन की बिक्री का डेटा तुरंत विभागीय सर्वर तक पहुंचेगा।
  • पता चल सकेगा कि कौन सा ब्रांड कितनी मात्रा में और कितने दाम में बिका।
  • इससे एमआरपी से अधिक कीमत पर बिक्री रोकने में मदद मिलेगी।

जल्द जारी होगा पीओएस मशीन खरीद का टेंडर

इस नई व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने के लिए आबकारी विभाग जल्द ही पीओएस मशीनों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। अभी कई दुकानों पर ये मशीनें नहीं हैं, और जहां हैं, वहां इनका प्रयोग नहीं हो रहा है।

मौजूदा हालात: बिना POS मशीन के ही बिक रही शराब

भले ही मौजूदा शराब नीति में POS सिस्टम का प्रावधान है, लेकिन पिछले तीन महीनों से अधिकांश दुकानों पर इसका पालन नहीं हो रहा। भोपाल समेत कई जिलों में एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने की घटनाएं सामने आई हैं।

महंगे दामों पर मिल रही शिकायतों से आई सख्ती

हाल ही में कई जिलों में शराब दुकानों के खिलाफ एमआरपी से ज्यादा वसूली की शिकायतें दर्ज हुई थीं। कुछ जगहों पर कलेक्टरों ने अर्थदंड भी लगाए, लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं रहा। इसलिए अब तकनीकी रूप से मजबूत व्यवस्था लाने का निर्णय लिया गया है।

नई प्रणाली से ठेकेदारों की मनमानी पर लगेगी रोक

POS मशीन से बिक्री की अनिवार्यता से अब शराब ठेकेदार:

  • न तो अधिक कीमत वसूल सकेंगे,
  • न ही सस्ती दरों पर ऑफ रिकॉर्ड बिक्री कर सकेंगे।

यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निगरानी में रहेगी, जिससे उपभोक्ताओं को एमआरपी पर शराब मिल सकेगी।

हर बिक्री की जानकारी होगी सर्वर से लिंक

नई तकनीक के तहत:

  • हर बोतल की बिक्री का रिकॉर्ड आबकारी विभाग के सर्वर से सीधे जुड़ा रहेगा।
  • किसी भी अनियमितता को तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा।
  • समय रहते कार्रवाई संभव होगी, जिससे शराब माफिया पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

निष्कर्ष: टेक्नोलॉजी से आएगी जवाबदेही और पारदर्शिता

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल राजस्व में बढ़ोतरी करेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण में शराब उपलब्ध कराएगा। POS मशीन और ट्रैकिंग सिस्टम जैसे तकनीकी उपाय शराब विक्रय प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी और जवाबदेह बनाएंगे। आने वाले समय में यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

Meta Title (Hindi):
मध्य प्रदेश में शराब की बिक्री पर सरकार की नजर, अब सिर्फ POS मशीन से होगी बिक्री

Meta Description (Hindi):
MP में शराब बिक्री के नए नियम लागू: अब हर बोतल POS मशीन से होगी ट्रैक, ओवरप्राइसिंग पर लगेगी रोक, जानें नई प्रणाली की खास बातें।

कोई अतिरिक्त अपडेट या अंग्रेज़ी वर्शन चाहिए तो बताइए।

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