RBI Loan Policy 2025: लोन धारको को बढ़ी राहत – समय से पहले लोन चुकाने पर नहीं लगेगा कोई चार्ज

RBI Loan Policy 2025:: RBI ने 2025 की नई लोन पॉलिसी में बड़ी राहत दी है। अब MSME और व्यक्तिगत लोन पर समय से पहले भुगतान करने पर कोई प्री-पेमेंट शुल्क नहीं लगेगा। यह नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वाले लाखों भारतीयों के लिए एक बड़ी राहत भरी घोषणा की है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अब यदि कोई व्यक्ति या सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (MSME) फ्लोटिंग रेट लोन या एडवांस समय से पहले चुकाता है, तो उस पर कोई प्री-पेमेंट शुल्क नहीं लगेगा। यह नई व्यवस्था 1 जनवरी 2026 से लागू होगी।

MSME और व्यक्तिगत कर्जधारको को मिलेगी राहत

RBI ने साफ किया है कि MSME सेक्टर को सरल और किफायती कर्ज उपलब्ध कराना उसकी प्राथमिकता है। हाल के निरीक्षणों में यह पाया गया कि बैंक और वित्तीय संस्थान अलग-अलग नियमों का पालन कर रहे थे, जिससे ग्राहकों को परेशानी हो रही थी। इन दिक्कतों को खत्म करने के लिए RBI ने ‘पूर्व-भुगतान शुल्क संबंधी निर्देश 2025’ जारी किए हैं।

किन संस्थानों को मानने होंगे ये नए नियम?

नए निर्देश निम्नलिखित बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर लागू होंगे:

  • सभी कमर्शियल बैंक (छोटे वित्त बैंक, RRB और स्थानीय क्षेत्रीय बैंक छोड़कर)
  • टियर 4 प्राथमिक सहकारी बैंक
  • NBFC-UL (Upper Layer)
  • अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान

इन संस्थानों को MSME और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को दिए गए व्यावसायिक कर्ज पर कोई पूर्व-भुगतान शुल्क वसूलने की अनुमति नहीं होगी।

गैर-व्यावसायिक लोन भी आएंगे दायरे में

यदि कर्ज गैर-व्यावसायिक उद्देश्य जैसे शिक्षा, विवाह या व्यक्तिगत ज़रूरतों के लिए लिया गया है, तब भी प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लगेगा। चाहे लोन किसी सह-गारण्टर (co-borrower) के साथ लिया गया हो या अकेले।

छोटे बैंकों और NBFCs के लिए भी स्पष्ट गाइडलाइन

नए निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि:

  • छोटे वित्त बैंक
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB)
  • टियर 3 सहकारी बैंक
  • राज्य सहकारी बैंक
  • केंद्रीय सहकारी बैंक
  • NBFC-ML (Middle Layer)

इन सभी को ₹50 लाख तक के लोन पर कोई प्री-पेमेंट शुल्क नहीं वसूलने की अनुमति होगी। यह बिना किसी लॉक-इन पीरियड के पूरी तरह से लागू होगा

धन के स्रोत की कोई सीमा नहीं

RBI ने यह भी कहा है कि चाहे ग्राहक स्व-फंडिंग से या किसी अन्य बैंक से लोन लेकर समय से पहले भुगतान करे, किसी भी परिस्थिति में प्री-पेमेंट चार्ज नहीं वसूला जाएगा। यह नियम सभी प्रकार के स्रोतों से किए गए आंशिक या पूर्ण भुगतान पर लागू होगा।

ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट पर भी राहत

यदि कोई ग्राहक ओवरड्राफ्ट या कैश क्रेडिट सुविधा लेता है और वह तय अवधि से पहले उसे बंद करना चाहता है, तो भी कोई शुल्क नहीं लगेगा, बशर्ते ग्राहक बैंक को पहले से सूचित करे और समय पर प्रक्रिया पूरी करे।

यह फैसला क्यों जरूरी था?

RBI को लंबे समय से MSMEs और छोटे कारोबारियों की यह शिकायत मिल रही थी कि लोन समय से पहले चुकाने पर उन्हें भारी पेनल्टी देनी पड़ती है। इससे उनके मुनाफे पर असर पड़ता था। इस नई नीति से उन्हें फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी और ऋण बोझ कम होगा।

बैंकों और ग्राहकों – दोनों के लिए फायदेमंद

इस निर्णय से न सिर्फ ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि बैंकों को भी पारदर्शी व्यवहार और उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे भारत के फाइनेंशियल सिस्टम पर लोगों का भरोसा और मजबूत होगा।

RBI का यह कदम उन सभी के लिए राहत है जो अपने लोन को समय से पहले खत्म करना चाहते हैं। यह निर्णय भारत में कर्ज प्रणाली को और अधिक ग्राहक केंद्रित, पारदर्शी और सशक्त बनाएगा।

अगर आप भी व्यक्तिगत या व्यावसायिक लोन लेने की सोच रहे हैं, तो RBI की इस नई नीति को ज़रूर ध्यान में रखें। यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

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