मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में नकली नोटों का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। फुगाना पुलिस ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को 15 लाख 16 हजार रुपये की नकली करेंसी, एक कार और नकली नोट छापने के उपकरण बरामद हुए हैं।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी यूट्यूब पर वीडियो देखकर नकली नोट बनाना सीखे थे। वह किराए के मकान में प्रिंटर और स्कैनर के जरिए नोट छापते थे और उन्हें दिल्ली और यूपी के विभिन्न जिलों में सप्लाई करते थे।
कार से हुई गिरफ्तारी, नकली नोट बरामद
फुगाना थाना प्रभारी गजेन्द्र सिंह ने बताया कि एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि दो युवक नकली करेंसी के साथ लोई नहर पुल के पास आने वाले हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार सवार गौरव उर्फ जितन और अभय उर्फ तुषार, निवासी जीतुपुर (थाना दौराला) को गिरफ्तार कर लिया। कार की तलाशी में 500, 200 और 100 रुपये के नकली नोट बरामद हुए।
किराए के मकान में चलता था नोट छापने का धंधा
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी मेरठ के पल्लवपुरम स्थित इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी में किराए के मकान में नकली नोट तैयार करते थे। वहां छापेमारी में प्रिंटर, स्कैनर, कागज और अन्य सामग्री बरामद की गई। गिरोह का तीसरा सदस्य अंकित फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
इंटर पास आरोपी, अलग-अलग पेशों से जुड़े
गिरफ्तार आरोपी गौरव कार चालक है जबकि तुषार सीसीटीवी इंस्टॉलेशन का काम करता है। दोनों 12वीं पास हैं और नकली नोट छापने के इस धंधे में अपने फरार साथी अंकित के साथ मिलकर काम कर रहे थे। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस गिरोह के तार दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से जुड़े हुए हैं।
यूट्यूब से सीखी नकली नोट बनाने की तरकीब
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन्होंने नकली नोट बनाने की तकनीक यूट्यूब से सीखी। इसके बाद उन्होंने खुद ही आवश्यक उपकरण खरीदे और काम शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी एक लाख रुपये के नकली नोटों के बदले 25 हजार रुपये असली लेते थे।
नकली नोटों में क्वालिटी की कमी, वाटरमार्क और सिक्योरिटी फीचर्स में अंतर
पुलिस ने जब्त किए गए नकली नोटों की जांच की तो पाया कि उनमें इस्तेमाल हुआ कागज बेहद घटिया गुणवत्ता का था। इसके अलावा नोटों में वाटरमार्क और सिक्योरिटी थ्रेड जैसी विशेषताओं में अंतर पाया गया। महात्मा गांधी की तस्वीर भी सही ढंग से छपी नहीं थी।
कॉल डिटेल्स खंगाल रही पुलिस, गिरोह की कड़ियां जोड़ने की कोशिश
फिलहाल पुलिस आरोपियों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स खंगाल रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह से और कौन-कौन लोग जुड़े हैं। साथ ही, जिन लोगों को नकली नोट सप्लाई किए गए थे, उनकी पहचान भी की जा रही है।
एसएसपी ने नकली करेंसी पकड़ने वाली टीम को 15 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।