पुरी भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में भगदड़: हादसे में 3 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल, श्रद्धा की भीड़ में पसरा मातम, भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल

Puri Lord Jagannath Rath Yatra Stampede 2025: पुरी रथ यात्रा में मची भगदड़: लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच 3 की मौत, 50 से ज्यादा घायल, प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप

Puri Jagannath Rath Yatra Bhagdad 2025: हर साल ओडिशा के पुरी में आयोजित जगन्नाथ रथ यात्रा दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था, भक्ति और उत्सव का महापर्व मानी जाती है। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ यात्रा में लाखों लोग भाग लेते हैं। लेकिन इस बार यह पवित्र आयोजन एक दुखद हादसे का गवाह बन गया। शनिवार सुबह यात्रा के दौरान अचानक मची भगदड़ ने तीन लोगों की जान ले ली और कई दर्जन लोग घायल हो गए। [सोर्स]

हादसे की दिल दहला देने वाली तस्वीर

यह हादसा गुंडिचा मंदिर के समीप उस वक्त हुआ जब भगवान के रथ मंदिर के पास पहुंचे थे। श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि कदम रखने की भी जगह नहीं बची थी। भीड़ अचानक बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। इस अफरा-तफरी में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं और एक बुजुर्ग शामिल हैं।

मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रभाती दास, और 70 वर्षीय प्रेमकांत मोहंती के रूप में हुई है। ये सभी श्रद्धालु खुर्दा जिले से पुरी पहुंचे थे। घटना के बाद आसपास के श्रद्धालुओं में डर और गुस्से का माहौल फैल गया। [सोर्स]

घायलों का इलाज जारी, कुछ की हालत गंभीर

रथ यात्रा के दौरान घायल हुए लोगों को तुरंत पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट्स में 10 से अधिक घायलों की बात कही गई थी, लेकिन बाद में यह संख्या 50 से ज्यादा बताई गई। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने युद्ध स्तर पर इलाज शुरू किया है, ताकि किसी और की जान ना जाए।

प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

इस हादसे के बाद प्रशासन की तैयारियों और भीड़ प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि VIP और आम श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग रास्तों की व्यवस्था की गई थी, जिससे असंतुलन बढ़ गया। वहीं, निकास मार्गों की संख्या बहुत कम थी, जिससे भीड़ में फंसे लोग बाहर नहीं निकल सके।

इसके अलावा, कुछ अनधिकृत वाहनों को भी मंदिर क्षेत्र तक जाने दिया गया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। प्रशासन पर आरोप है कि उसने पहले दो दिनों की कुछ छोटी भगदड़ की घटनाओं को नजरअंदाज किया और गंभीरता से नहीं लिया।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

पुरी रथ यात्रा में इससे पहले भी कई बार भीड़ के कारण छोटी-मोटी घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस बार की घटना ने सबको झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और पोस्ट्स सामने आए हैं, जिनमें 27 और 28 जून को भी भगदड़ जैसी स्थिति दिख रही है। हालांकि इन दावों की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

श्रद्धालु बोले: आस्था है, लेकिन सुरक्षा चाहिए

हादसे के बाद भी श्रद्धालुओं का भगवान जगन्नाथ के प्रति विश्वास अडिग है। दुबई से आए एक श्रद्धालु उमेश ने कहा, “मैं पिछले तीन वर्षों से रथ यात्रा में आ रहा हूं, लेकिन इस बार की अव्यवस्था बेहद डरावनी थी। हम भगवान पर आस्था रखते हैं, लेकिन प्रशासन को भी हमारी सुरक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए।” [source]

आगे क्या सीखा जा सकता है?

पुरी की यह दुखद घटना एक बार फिर यह स्पष्ट करती है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था सर्वोपरि होनी चाहिए। रथ यात्रा जैसे आयोजन केवल श्रद्धा का विषय नहीं होते, यह प्रशासनिक जिम्मेदारी और जन सुरक्षा का भी गहरा विषय होते हैं।

आवश्यक है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए पेशेवर भीड़ नियंत्रण, मजबूत ट्रैफिक प्रबंधन, और रियल टाइम निगरानी व्यवस्था लागू की जाए, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके।

Share Your Love

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *